*साहित्य अकादेमी के श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से सम्मानित होंगे खंडवा के विनय उपाध्याय*
*साहित्य और कला की महान हस्तियों से दुर्लभ संवादों की लोकप्रिय किताब है ‘सफ़ह पर आवाज़’*
खंडवा की उर्वर साहित्यिक-सांस्कृतिक परम्परा में संस्कारित प्रख्यात कला समीक्षक-उद्घोषक विनय उपाध्याय को म.प्र. शासन की साहित्य अकादेमी ने बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार के लिए चुना है। उन्हें यह सम्मान उनकी बहुचर्चित पुस्तक ‘सफ़ह पर आवाज़’ के लिए प्रदान किया जाएगा। भोपाल में आयोजित गरिमामय समारोह में इक्यावन हज़ार रूपए की पुरस्कार निधि और सम्मान पट्टिका भेंट कर उपाध्याय को अलंकृत किया जाएगा, समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि “सफ़ह पर आवाज़’ साहित्य और कलाओं की मूर्धन्य विभूतियों से विनय उपाध्याय के लम्बे साक्षात्कार तथा संवादों का वृहद ग्रंथ है। 2022 में इस किताब का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ था। सन् 2024 तक इसके तीन संस्करणों की अनेक प्रतियाँ देश-विदेश के पाठकों ने क्रय की। आईसेक्ट प्रकाशन ने इसे बेस्ट सेलर बुक की श्रेणी में स्थान दिया है। किताब में गोपालदास नीरज, महाश्वेता देवी, चित्रा मुद्गल, हबीब तनवीर, सैय्यद हैदर रज़ा, नौशाद, जावेद अख़्तर, शहरयार, पंडित शिवकुमार शर्मा, किशोरी आमोणकर, गिरिजा देवी, मोहन आगाशे और आशुतोष राणा सहित साहित्य, संगीत, नृत्य, चित्रकला, रंगमंच और सिनेमा की चालीस शख़्सियतों से उनके जीवन और सृजन पर रोचक विचारोत्तेजक वार्ताएँ हैं। ‘सफ़ह पर आवाज़’ को अमेज़न वेब पोर्टल के साथ ही दूरदर्शन, आकाशवाणी, विविध भारती, टी.वी. चैनल्स, यू ट्यूब पॉड कॉस्ट से लेकर देश-विदेश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं ने प्रमुखता से प्रसारित-प्रकाशित किया है।
खंडवा की नार्मल स्कूल, मल्टी परवज़ और एस.एन. कॉलेज के प्रतिभाशाली छात्र रहे विनय उपाध्याय इन दिनों टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केन्द्र आरएनटीयू में निदेशक तथा सांस्कृतिक पत्रिका ‘रंग संवाद’ के संपादक हैं। पूर्व में वे मेन ऑफ द मीडिया, संवादश्री, अभिनव शब्द शिल्पी की मानद उपाधियों, पणिक्कर स्मृति कला साधना सम्मान, पं. ब्रजलाल द्विवेदी राष्ट्रीय कला समीक्षा सम्मान तथा रामेश्वर गुरू सांस्कृतिक पत्रकारिता सम्मान सहित दो दर्जन से भी अधिक पुरस्कारों से विभूषित किये जा चुके हैं। सुनील जैन ने बताया की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के गरिमामय समारोहों के संचालन के साथ ही विश्व हिन्दी सम्मेलन, खजुराहो नृत्य समारोह, तानसेन संगीत समारोह, जी-20 फेस्टिवल, विश्वरंग मॉरीशस जैसे भव्य उत्सवों के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा विनय उपाध्याय विशेष आमंत्रित उद्घोषक रहे हैं। ‘सफ़ह पर आवाज़’ के अलावा उनके रिपोर्ताज और निबंधों की पुस्तक ‘कला की छाँव’ भी प्रकाशित हुई है। फरवरी-2025 में दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर विनय उपाध्याय अपनी तीसरी कृति ‘कुछ दस्तकें, कुछ दस्तख़त’ की सौगात पाठकों को देंगे।
,,निमाड़ की मटियारी सुगंध मेरे व्यक्तित्व की पहचान,,
मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रेष्ठ कृति पुरस्कार के लिए चयन पर अपनी प्रतिक्रिया में उपाध्याय ने कहा कि खंडवा, मेरी पहली सांस्कृतिक पाठशाला है। परिवार ने शब्द और स्वर का अनुशासन सिखाया। इस शहर के वसंतोत्सव, तुलसी उत्सव और गव्हर्नमेंट स्कूल के मंचों ने मेरी रूचि, समझ और सृजनात्मक संभावनाओं को विकसित किया। निमाड़ की मधुमय संस्कृति और यहाँ की मटियारी सुगंध का गौरव लिए मैं देश-देशांतर तक अपनी पहुँच कायम कर सका। यही मेरा आंतरिक मनोबल है। पुण्य सलिला नर्मदा का संघर्ष और सौंदर्य मेरी रचनात्मक यात्रा की प्रेरणा है।